हाल ही में फिलीपींस में आयोजित SiGMA एशिया समिट के दौरान मुख्य भाषण में, SiGMA फाउंडेशन के मुख्य लोकोपकार अधिकारी और सह-संस्थापक Keith Marshall ने प्रिविलेज से मक़सद की ओर बढ़ने की एक भावुक अपील की। Marshall ने फार्मासिस्ट के रूप में अपनी कहानी साझा की। उनकी ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण पल वह था जब इथियोपिया में रहते हुए उन्हें एहसास हुआ कि जीवन का सबसे बड़ा अन्याय, अज्ञानता और गरीबी है।
सार्थक परिवर्तन लाना
अपने भाषण में, Marshall ने सार्थक परिवर्तन लाने के लिए व्यक्तिगत कामों की ताक़त पर जोर दिया। उन्होंने इथियोपियाई बच्चों के मुश्किल जीवन और परिस्थितियों से पहली बार दो-चार होने का अनुभव साझा किया, जिसने उन्हें अपने जीवन की दिशा पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया। Marshall ने कहा, “मैं उन अन्यायों और कष्टदायी परिस्थितियों को देखकर हैरान था, जिनमें ये बच्चे रह रहे थे।” उन्होंने आगे कहा, “मैं विचारों के एक चौराहे पर फंस गया था। मैं या तो इन से मुंह मोड़ सकता था और कह सकता था कि देखो, यह एक समस्या तो है, लेकिन यह मेरी समस्या नहीं है। या फिर मैं कह सकता था कि देखो, मैं दुनिया को बदलने नहीं जा रहा हूँ, लेकिन मैं इस बदलाव में शामिल हो सकता हूँ।”
दूसरे वाले विकल्प को चुनते हुए, Marshall ने अपना फोकस बदल दिया, अपने अन्य कामों को छोड़े बिना परोपकार को अपने जीवन में शामिल कर लिया। उन्होंने कहा, “आप जीवन में आराम से तालमेल बिठा सकते हैं।” इस संतुलन ने उन्हें अपनी फार्मा कंपनी चलाने में मदद की, लेकिन साथ ही, उनके पास इथियोपिया के वंचितों की मदद करने के लिए समय और संसाधन भी थे। SiGMA फाउंडेशन के काम से, यह विचार इथियोपिया में बच्चों की मदद करने से लेकर चार महाद्वीपों के सात देशों में 100,000 से अधिक बच्चों की मदद करने तक फैल गया है।
प्रिविलेज से मक़सद की ओर बदलाव
Marshall ने कहा कि हर किसी को जीने के लिए एक मक़सद की ज़रूरत होती है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, हमेशा कोई न कोई ऐसा मक़सद ज़रूर हो जिसकी दिशा में वो काम कर सकें। “हर कोई किसी के लिए कुछ न कुछ कर सकता है,” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंत में हर कोई मायने रखता है। मार्शल ने प्रोफ़ेशनल और पर्सनल कमिटमेंट्स को साझा करते हुए जीवन के दो अलग-अलग आयामों के एकसाथ मिलकर चलने पर भी विस्तार से बताया, जो परोपकारी कार्यों से अलग नहीं रह सकते। “यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप दूसरों के बारे में भावनाओं के लिए यानी परोपकार के लिए कितना समय समर्पित करना चाहते हैं। यह एक मीटर, एक मील, एक सप्ताह, एक महीना या एक घंटा प्रतिदिन समर्पित करना हो सकता है। हर छोटा-बड़ा क़दम मायने रखता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने काम में हाथ बंटाने का आह्वान करते हुए अपनी बात को समाप्त किया। Marshall ने कहा कि समर्थन की बहुत ज़रूरत है; दुनिया भर में 38 करोड़ बच्चे पीड़ित हैं, और ये सब असफल सामाजिक व्यवस्थाओं के कारण है। उन्होंने रूम में मौजूद सभी लोगों से बदलाव लाने की संभावना को अपनाने और उस बदलाव के लिए अपने समुदाय में बदलाव लाने वाले एजेंट बनने के लिए कहा। Marshall ने समिट में उपस्थित लोगों को अपने ऊँचे पदों का उपयोग अच्छे कामों के लिए करके “इसका लाभ उठाने” के लिए आमंत्रित किया। हाल ही में SiGMA फाउंडेशन की परियोजनाओं, जैसे कि पिछले सप्ताह बाटान में एक संगीत हॉल का उद्घाटन, ने दूसरों के लिए अपने प्रिविलेज को व्यवहार में उद्देश्य में बदलने का एक उदाहरण स्थापित किया है।
SiGMA पूर्वी यूरोप, बुडापेस्ट, सितंबर 2024
भविष्य की बात करें तो गेमिंग इंडस्ट्री की नज़र इस सितंबर में बुडापेस्ट में SiGMA पूर्वी यूरोप समिट 2024 के साथ पूर्वी यूरोप पर टिकी होंगी। इस आयोजन से पूरे क्षेत्र से इंडस्ट्री के पेशेवरों को आकर्षित करने की उम्मीद है, जो नेटवर्किंग, व्यवसाय विकास और गेमिंग क्षेत्र में लेटेस्ट ट्रेंड्स की खोज के लिए एक मंच प्रदान करेगा।